Health Benefits Of Pomegranate – अनार के फायदे गुण और लाभ – अनार के पौधे के २ किस्म के होते है :- नर जाती और नारी जाती । नर पौधों पर फूल हो जाते है पर फल नहीं होते । जबकि नारी जाती पर फल और फूल दोनों हो जाते है । अनार के फूल को गुलज़ार भी कहा जाता है ।
1) अनार के दानो को कूटकर रस निकलकर उसमें जायफल, लौंग और सौंठ का थोडा सा चूर्ण और शहद मिलाकर पिने से संग्रहणी रोग दूर होता है । सूखे अनार के छिलकों को पीसकर उसमें पानी मिलाकर पिने से संग्रहणी रोग में लाभ होता है ।
2) एक ताज़े अनार को कूटकर लौंदा बनाकर 200 या 250 ग्राम सरसों के तेल में डालकर तेल सिद्ध कर ले । इस तेल की मालिश नियमित रूप से स्तनों पर करने से इस्त्रियो का स्तन मंडल उनत, सुडोल, सख्त सौन्दर्य युक्त हो जाता है ।
3) अनार वृक्ष के पत्तो को पीसकर बंद आँखों पर यह लुगदी रखने से दुखती आँखों का दर्द दूर हो जाता है ।
4) अनार के छिलकों का चूर्ण नाग केसर के साथ मिलाकर खाने से बवासीर का रक्त प्रवाह बंद हो जाता है ।
5) अनार के पत्तो की चटनी, घिसा चन्दन, थोड़ी सी दही और शहद मिलाकर गर्बवती इस्त्री को सेवन करने से गर्बस्थ शिशु व गर्भवती का बल बढता है ।
6) अनार के छिलके का टुकड़ा मुख में रखकर उसका रस चूसने से खासी में लाभ होता है ।
7) अनार का छिलका और चावल की धोवन का सेवन करने से प्रदर रोग दूर होता है ।
8) पके अनार का सेवन करने से दबी आवाज़ खुल जाती है ।
9) खट्टे मीठे अनार के रस या शरबत को पिने से गर्बवस्था में वमन आना बंद हो जाता है और कमज़ोर हृध्य में लाभ और दुर्बलता दूर होती है।
10) अनार का छिलका 50 ग्राम , अध्कुटा लौंग चूर्ण 3.5 ग्राम और अध किलों पानी में उबालकर, 15 मिनट बाद उतार कर ठंडा करके कपडे से छान ले । यह पानी 5-10 ग्राम की मात्रा सेवन करने से अतिसार, पोचिस, आमातिसार रोगों में लाभ होता है और आंते मज़बूत होती है ।
11) खट्टा मीठा अनार का 200 ग्राम रस और 25 ग्राम मुर मुरे का आटा और 25 ग्राम शकर मिलाकर सेवन करने से मस्तिष्क की गर्मी दूर होती है । लू लगने से आये ज्वर का दर्द दूर होता है । व्याकुलता, वमन , और तृषा रोग दूर होता है ।
12) अनार के दानो का रस 10 ग्राम मिश्री मिलाकर पिने से छाती का दर्द व दिल को लाभ होता है । छाती के दर्द में अनार के दानो का रस व एक माशा सोना मक्की चूर्ण मिलाकर पिने से दर्द दूर होता है ।
13) अनार का रस सेवन करने से यकृत रोगों में लाभ होता है ।
14) ताज़े अनार के दानो का रस निकलकर उसमें मिश्री मिलाकर सेवन करने से पित्त प्रकोप शांत होता है ।
15) अनार की सुखी छाल 5 ग्राम बारीक़ पीसकर कपडे में छान ले । एक रत्ती कपूर मिलाकर चूर्ण तैयार कर ले । यह चूर्ण दिन में दो बार पानी में मिलाकर सेवन करने से भयंकर खासी में लाभ होता है ।
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